HMPV Virus : HMPV Virus Cases In India List चीन के बाद अब भारत में भी अब एचएमपीवी (HMPV) वायरस के 8 मामले दर्ज किए गए हैं। इस वायरस के लेकर लोगों के मन में कई सवाल आ रहे हैं। क्या भारत में भी खतरा होगा। इसके वायरस के क्या लक्षण है? ऐसे कई सवालों का जवाब आपको आगे खबर में देते हैं।

HMPV Virus: चीन से आए एचएमपीवी वायरस (HMPV) ने भारत की चिंता भी बढ़ा दी है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ने सोमवार को भारत में दस्तक दी। देखते ही देखते एक दिन में 8 मामले सामने आए। पहले सुबह में दो मामले कर्नाटक के बेंगलुरू से सामने आए थे और फिर गुजरात में इसका संदिग्ध मिला है। वहीं दो मामले तमिलनाडु से सामने आए।
भारत में जो इस वायरस से संक्रमित होने वाले है सभी बच्चे हैं, जिनमें से एक ठीक होकर घर भी चला गया। ये वायरस कब आया, इसके क्या लक्षण क्या है और इस वायरस से जुड़ी कुछ जरूरी बातें आपको बताते हैं।
1- HMPV क्या है इसके बारे में आपको पता होना चाहिए?
HMPV संक्रमित इंसान के खांसने, छींकने या बात करने पर सांस की बूंदों के जरिये फैलता है. इस वायरस की पनपने की अवधि 3 से 5 दिनों के बीच होती है, हालांकि यह अलग-अलग हो सकती है. अभी इस HMPV VIRUS के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है. हल्के मामलों में, लक्षण सर्दी जैसे होते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में, HMPV निमोनिया या ब्रोन्कोन्यूमोनिया का कारण बन सकता है.
2 – HMPV Virus Cases in India LIVE: इसके लक्षण क्या हैं?
वैसे आमतौर पर इस वायरस में हल्के, सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होते हैं: जिससे
गले में खराश
खांसी
नाक बंद होना
हल्का बुखार
थकान आदि अधिकांश युवा बिना किसी जटिलता के ठीक हो जाते हैं, लेकिन बुजुर्गों या बच्चों में और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों में लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं
3 – HMPV Virus : इस से कैसे करे बचाव
वैसे अगर हम कुछ साधारण बातों का ध्यान रखे तो हमें इस वायरस से घबराने की जरुरत नहीं है
. किसी संक्रमित व्यक्ति या सर्दी झुकाम वाले व्यक्ति से दुरी बनाये रखे
. सर्दी जुखाम होने पर मास्क अवस्य पहने
. छींकते या खांसते वक्त मुँह पे रुमाल रखें
. साबुन से कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोएं
4 – HMPV Virus : का पूरा नाम
इस virus का पूरा नाम Human Metapneumovirus है ,इसे साधारण भाषा में (HMPV) virus बोला जाता है
5 – इस HMPV Virus के बारे में एक्सपर्ट की सलाह
आरएसवी एक आम, लेकिन यह अत्यधिक संक्रमण वाला वायरस है, जो दिसंबर-जनवरी के दौरान अपने चरम पर होता है.
यह फेफड़ों, नाक और गले को संक्रमित करता है और कमज़ोर व्यक्तियों में गंभीर बीमारी या मृत्यु का कारण भी बन सकता है.
डॉ. अनीश और डॉ. कांग दोनों इस बात पर सहमत हैं कि जब बच्चा पाँच साल या उससे ज़्यादा उम्र का हो जाता है, तो वह इस वायरस से इम्युनिटी हासिल कर लेता है.
डॉ. कांग ने कहा, “इस वायरस का संक्रमण दोबारा हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह एक हल्का संक्रमण होता है.”
“यह बहुत छोटे बच्चों, वयस्कों या उन लोगों में गंभीर हो सकता है, जिनके फेफड़े क्षतिग्रस्त हो गए हैं या जिन्हें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ है या जिनकी इम्युनिटी कमज़ोर है.”
“बाक़ी लोगों में इसके कारण लंबे समय तक खांसी हो सकती है. लेकिन, हमारे लिए चिंता करने की कोई बड़ी बात नहीं है.”
इस वायरस के बारे में अगर मेरी राय दू तो ये एक सामान्य वायरस है अगर हम अपने हेल्थ एंड सफाई का अच्छे से ध्यान रखते है तो हमें इस वायरस से घबराने की कोई जरुरत नहीं है तो अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें